कंप्यूटर के मुख्य भाग: पूरी जानकारी हिंदी में!

by Alex Braham 47 views

कंप्यूटर आज के युग में एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जिसका उपयोग हम विभिन्न कार्यों के लिए करते हैं। कंप्यूटर के विभिन्न भाग एक साथ मिलकर काम करते हैं, जिससे यह एक शक्तिशाली मशीन बन जाता है। इस लेख में, हम कंप्यूटर के मुख्य भागों के बारे में हिंदी में विस्तार से जानेंगे। तो दोस्तों, बने रहिए!

कंप्यूटर क्या है? (What is Computer?)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो डेटा को इनपुट के रूप में स्वीकार करता है, उसे प्रोसेस करता है, और आउटपुट के रूप में परिणाम प्रदान करता है। यह डेटा को स्टोर, पुनः प्राप्त और प्रोसेस करने की क्षमता रखता है। कंप्यूटर का उपयोग विज्ञान, इंजीनियरिंग, शिक्षा, व्यवसाय और मनोरंजन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। कंप्यूटर एक जटिल प्रणाली है जिसमें हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों शामिल होते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर के भौतिक घटकों को संदर्भित करता है, जबकि सॉफ्टवेयर निर्देशों और डेटा के सेट को संदर्भित करता है जो कंप्यूटर को बताते हैं कि क्या करना है।

कंप्यूटर के विकास ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। पहले, कंप्यूटर केवल बड़े संगठनों और अनुसंधान संस्थानों में उपलब्ध थे, लेकिन अब वे हर घर और कार्यालय में मौजूद हैं। कंप्यूटर ने संचार, शिक्षा, व्यवसाय और मनोरंजन के तरीकों में क्रांति ला दी है। आज, हम कंप्यूटर का उपयोग ईमेल भेजने, इंटरनेट पर सर्फिंग करने, दस्तावेज़ बनाने, गेम खेलने और विभिन्न प्रकार के कार्यों को करने के लिए करते हैं। कंप्यूटर की गति, क्षमता और विश्वसनीयता में लगातार सुधार हो रहा है, जिससे वे हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं।

कंप्यूटर के मुख्य घटकों में इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस, सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU), मेमोरी और स्टोरेज डिवाइस शामिल हैं। इन सभी घटकों का एक साथ काम करना कंप्यूटर को डेटा को प्रोसेस करने और परिणाम उत्पन्न करने की अनुमति देता है। इनपुट डिवाइस कंप्यूटर को डेटा प्राप्त करने की अनुमति देते हैं, जबकि आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर को परिणाम प्रदर्शित करने की अनुमति देते हैं। CPU कंप्यूटर का मस्तिष्क है, जो निर्देशों को निष्पादित करता है और डेटा को प्रोसेस करता है। मेमोरी डेटा और निर्देशों को अस्थायी रूप से स्टोर करती है, जबकि स्टोरेज डिवाइस डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करते हैं।

कंप्यूटर के विभिन्न प्रकार होते हैं, जिनमें डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप कंप्यूटर, टैबलेट कंप्यूटर और स्मार्टफोन शामिल हैं। डेस्कटॉप कंप्यूटर आमतौर पर कार्यालयों और घरों में उपयोग किए जाते हैं, जबकि लैपटॉप कंप्यूटर पोर्टेबल होते हैं और यात्रा के दौरान उपयोग किए जा सकते हैं। टैबलेट कंप्यूटर और स्मार्टफोन मोबाइल डिवाइस हैं जिनका उपयोग विभिन्न प्रकार के कार्यों के लिए किया जा सकता है, जैसे कि वेब ब्राउजिंग, ईमेल और एप्लिकेशन का उपयोग। कंप्यूटर के प्रकार उपयोग के मामले और प्रदर्शन आवश्यकताओं पर निर्भर करते हैं।

कंप्यूटर के मुख्य भाग (Main Components of a Computer)

कंप्यूटर कई भागों से मिलकर बना होता है, जिनमें से प्रत्येक का अपना विशिष्ट कार्य होता है। यहां कंप्यूटर के कुछ मुख्य भाग दिए गए हैं:

1. मदरबोर्ड (Motherboard)

मदरबोर्ड कंप्यूटर का मुख्य सर्किट बोर्ड होता है, जिस पर सभी अन्य घटक जुड़े होते हैं। इसे कंप्यूटर का आधार माना जाता है, क्योंकि यह सभी हार्डवेयर घटकों को एक साथ जोड़ता है और उनके बीच संचार को सक्षम बनाता है। मदरबोर्ड में विभिन्न प्रकार के स्लॉट और पोर्ट होते हैं, जिनमें CPU, मेमोरी, ग्राफिक्स कार्ड, साउंड कार्ड और अन्य विस्तार कार्ड लगाए जाते हैं। मदरबोर्ड यह सुनिश्चित करता है कि सभी घटक ठीक से काम करें और एक दूसरे के साथ संगत हों। मदरबोर्ड का चयन करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह आपके CPU, मेमोरी और अन्य घटकों के साथ संगत हो।

मदरबोर्ड विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं, जिनमें ATX, Micro-ATX और Mini-ITX शामिल हैं। ATX मदरबोर्ड सबसे आम प्रकार है और इसमें विस्तार स्लॉट और पोर्ट की एक विस्तृत श्रृंखला होती है। Micro-ATX मदरबोर्ड छोटे होते हैं और आमतौर पर छोटे कंप्यूटर केस में उपयोग किए जाते हैं। Mini-ITX मदरबोर्ड सबसे छोटे होते हैं और आमतौर पर विशेष प्रयोजन वाले कंप्यूटरों में उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि होम थिएटर पीसी और एम्बेडेड सिस्टम। मदरबोर्ड का चयन करते समय, अपने कंप्यूटर केस के आकार और आपके द्वारा आवश्यक विस्तार स्लॉट की संख्या पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

मदरबोर्ड में चिपसेट भी होता है, जो CPU, मेमोरी और अन्य घटकों के बीच संचार को नियंत्रित करता है। चिपसेट मदरबोर्ड की विशेषताओं और क्षमताओं को निर्धारित करता है। मदरबोर्ड निर्माता विभिन्न प्रकार के चिपसेट का उपयोग करते हैं, जिनमें Intel और AMD शामिल हैं। चिपसेट का चयन करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह आपके CPU और मेमोरी के साथ संगत हो। मदरबोर्ड में BIOS (Basic Input/Output System) भी होता है, जो कंप्यूटर को बूट करने और हार्डवेयर घटकों को आरंभ करने के लिए उपयोग किया जाता है। BIOS मदरबोर्ड की एक महत्वपूर्ण विशेषता है, क्योंकि यह कंप्यूटर को शुरू करने और ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करने की अनुमति देता है।

2. सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU)

सीपीयू, जिसे प्रोसेसर भी कहा जाता है, कंप्यूटर का मस्तिष्क होता है। यह निर्देशों को निष्पादित करता है और डेटा को प्रोसेस करता है। सीपीयू की गति को गीगाहर्ट्ज़ (GHz) में मापा जाता है, जो प्रति सेकंड निष्पादित किए जा सकने वाले निर्देशों की संख्या को दर्शाता है। सीपीयू जितना तेज होगा, कंप्यूटर उतना ही तेजी से काम करेगा। सीपीयू में कई कोर होते हैं, जिनमें से प्रत्येक एक अलग निर्देश को एक साथ निष्पादित कर सकता है। अधिक कोर वाला सीपीयू एक ही समय में अधिक कार्यों को संभाल सकता है। सीपीयू का चयन करते समय, गति, कोर की संख्या और बिजली की खपत पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

सीपीयू दो मुख्य निर्माताओं द्वारा निर्मित किए जाते हैं: Intel और AMD। Intel सीपीयू अपने उच्च प्रदर्शन और दक्षता के लिए जाने जाते हैं, जबकि AMD सीपीयू अपने किफायती मूल्य और अच्छे प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। सीपीयू का चयन करते समय, अपने बजट और प्रदर्शन आवश्यकताओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। सीपीयू को मदरबोर्ड में एक विशेष सॉकेट में लगाया जाता है। सीपीयू को स्थापित करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह सॉकेट के साथ संगत हो और ठीक से स्थापित हो। सीपीयू को ज़्यादा गरम होने से बचाने के लिए, इसे हीट सिंक और पंखे के साथ ठंडा किया जाना चाहिए।

सीपीयू में कैश मेमोरी भी होती है, जो डेटा और निर्देशों को अस्थायी रूप से स्टोर करती है ताकि उन्हें जल्दी से एक्सेस किया जा सके। कैश मेमोरी सीपीयू के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करती है। सीपीयू में विभिन्न स्तरों की कैश मेमोरी होती है, जिनमें L1, L2 और L3 शामिल हैं। L1 कैश मेमोरी सबसे तेज होती है, लेकिन इसकी क्षमता सबसे कम होती है। L3 कैश मेमोरी सबसे धीमी होती है, लेकिन इसकी क्षमता सबसे अधिक होती है। सीपीयू का चयन करते समय, कैश मेमोरी की मात्रा पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

3. रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM)

रैम एक प्रकार की मेमोरी है जिसका उपयोग कंप्यूटर द्वारा डेटा और निर्देशों को अस्थायी रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है जिन्हें सीपीयू द्वारा एक्सेस किया जा रहा है। रैम जितनी अधिक होगी, कंप्यूटर उतना ही तेजी से काम करेगा, खासकर जब एक साथ कई एप्लिकेशन चल रहे हों। रैम को गीगाबाइट (GB) में मापा जाता है। रैम का चयन करते समय, गति, क्षमता और प्रकार पर विचार करना महत्वपूर्ण है। रैम विभिन्न प्रकारों में आती है, जिनमें DDR4 और DDR5 शामिल हैं। DDR5 रैम DDR4 रैम की तुलना में तेज है, लेकिन यह अधिक महंगी भी है।

रैम को मदरबोर्ड में विशेष स्लॉट में लगाया जाता है। रैम को स्थापित करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह स्लॉट के साथ संगत हो और ठीक से स्थापित हो। रैम को सीपीयू द्वारा सीधे एक्सेस किया जाता है, इसलिए यह कंप्यूटर के प्रदर्शन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक है। रैम का उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम, एप्लिकेशन और डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है। जब आप किसी एप्लिकेशन को खोलते हैं, तो वह रैम में लोड हो जाता है। जब आप किसी फ़ाइल को सहेजते हैं, तो वह रैम से स्टोरेज डिवाइस में कॉपी हो जाती है।

रैम को अस्थिर मेमोरी माना जाता है, जिसका अर्थ है कि जब कंप्यूटर बंद हो जाता है तो इसमें संग्रहीत डेटा खो जाता है। यही कारण है कि आपको अपनी फ़ाइलों को स्टोरेज डिवाइस में सहेजना चाहिए। रैम के अलावा, कंप्यूटर में रीड-ओनली मेमोरी (ROM) भी होती है, जो डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करती है। ROM का उपयोग BIOS को स्टोर करने के लिए किया जाता है, जो कंप्यूटर को बूट करने के लिए उपयोग किया जाता है। ROM को बदला नहीं जा सकता है, जबकि RAM को बदला जा सकता है।

4. ग्राफिक्स कार्ड (Graphics Card)

ग्राफिक्स कार्ड, जिसे वीडियो कार्ड भी कहा जाता है, कंप्यूटर के डिस्प्ले पर छवियों को प्रदर्शित करने के लिए जिम्मेदार होता है। यह सीपीयू से डेटा लेता है और इसे एक ऐसे प्रारूप में परिवर्तित करता है जिसे मॉनिटर द्वारा समझा जा सकता है। ग्राफिक्स कार्ड जितना शक्तिशाली होगा, कंप्यूटर उतना ही बेहतर ग्राफिक्स को संभाल पाएगा, खासकर गेमिंग और वीडियो एडिटिंग जैसे कार्यों के लिए। ग्राफिक्स कार्ड में अपनी मेमोरी होती है, जिसे वीडियो रैम (VRAM) कहा जाता है। VRAM का उपयोग छवियों और बनावटों को स्टोर करने के लिए किया जाता है।

ग्राफिक्स कार्ड दो प्रकार के होते हैं: इंटीग्रेटेड और डेडिकेटेड। इंटीग्रेटेड ग्राफिक्स कार्ड सीपीयू में बनाए जाते हैं और कम बिजली की खपत करते हैं। हालांकि, वे डेडिकेटेड ग्राफिक्स कार्ड की तुलना में कम शक्तिशाली होते हैं। डेडिकेटेड ग्राफिक्स कार्ड मदरबोर्ड में एक अलग स्लॉट में लगाए जाते हैं और अधिक बिजली की खपत करते हैं। हालांकि, वे इंटीग्रेटेड ग्राफिक्स कार्ड की तुलना में अधिक शक्तिशाली होते हैं। ग्राफिक्स कार्ड का चयन करते समय, अपने बजट, प्रदर्शन आवश्यकताओं और बिजली की खपत पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

ग्राफिक्स कार्ड के दो मुख्य निर्माता हैं: NVIDIA और AMD। NVIDIA ग्राफिक्स कार्ड अपने उच्च प्रदर्शन और सुविधाओं के लिए जाने जाते हैं, जबकि AMD ग्राफिक्स कार्ड अपने किफायती मूल्य और अच्छे प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। ग्राफिक्स कार्ड को मदरबोर्ड में एक विशेष स्लॉट में लगाया जाता है, जिसे PCI Express (PCIe) स्लॉट कहा जाता है। ग्राफिक्स कार्ड को स्थापित करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह स्लॉट के साथ संगत हो और ठीक से स्थापित हो। ग्राफिक्स कार्ड को ज़्यादा गरम होने से बचाने के लिए, इसे हीट सिंक और पंखे के साथ ठंडा किया जाना चाहिए।

5. स्टोरेज डिवाइस (Storage Devices)

स्टोरेज डिवाइस का उपयोग डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करने के लिए किया जाता है। कंप्यूटर में कई प्रकार के स्टोरेज डिवाइस होते हैं, जिनमें हार्ड डिस्क ड्राइव (HDD), सॉलिड स्टेट ड्राइव (SSD) और USB फ्लैश ड्राइव शामिल हैं। HDD डेटा को स्टोर करने के लिए घूमने वाली डिस्क का उपयोग करते हैं, जबकि SSD डेटा को स्टोर करने के लिए फ्लैश मेमोरी का उपयोग करते हैं। SSD HDD की तुलना में तेज, अधिक टिकाऊ और कम बिजली की खपत करते हैं। USB फ्लैश ड्राइव पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस हैं जिनका उपयोग डेटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है।

स्टोरेज डिवाइस की क्षमता को टेराबाइट (TB) या गीगाबाइट (GB) में मापा जाता है। स्टोरेज डिवाइस का चयन करते समय, अपनी क्षमता, गति, स्थायित्व और लागत पर विचार करना महत्वपूर्ण है। HDD आमतौर पर SSD की तुलना में सस्ते होते हैं, लेकिन वे धीमे भी होते हैं। SSD आमतौर पर HDD की तुलना में महंगे होते हैं, लेकिन वे तेज भी होते हैं। USB फ्लैश ड्राइव विभिन्न क्षमताओं में उपलब्ध हैं और डेटा को स्टोर करने और ट्रांसफर करने के लिए एक सुविधाजनक तरीका प्रदान करते हैं।

स्टोरेज डिवाइस को मदरबोर्ड से SATA या NVMe केबल के माध्यम से जोड़ा जाता है। SATA केबल HDD और SSD को जोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जबकि NVMe केबल SSD को जोड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं जो PCIe स्लॉट का उपयोग करते हैं। NVMe SSD SATA SSD की तुलना में तेज हैं। स्टोरेज डिवाइस को स्थापित करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह केबल के साथ संगत हो और ठीक से स्थापित हो। स्टोरेज डिवाइस को ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा पहचाना जाना चाहिए ताकि आप उस पर डेटा को स्टोर और एक्सेस कर सकें।

6. बिजली आपूर्ति (Power Supply)

बिजली आपूर्ति कंप्यूटर के सभी घटकों को बिजली प्रदान करती है। यह एसी बिजली को डीसी बिजली में परिवर्तित करता है जिसका उपयोग कंप्यूटर द्वारा किया जा सकता है। बिजली आपूर्ति की क्षमता को वाट में मापा जाता है। बिजली आपूर्ति का चयन करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि इसकी क्षमता आपके कंप्यूटर के सभी घटकों को बिजली देने के लिए पर्याप्त हो। यदि बिजली आपूर्ति बहुत कमजोर है, तो कंप्यूटर अस्थिर हो सकता है या बिल्कुल भी चालू नहीं हो सकता है। बिजली आपूर्ति में विभिन्न प्रकार के कनेक्टर होते हैं जिनका उपयोग मदरबोर्ड, सीपीयू, ग्राफिक्स कार्ड और स्टोरेज डिवाइस को बिजली देने के लिए किया जाता है।

बिजली आपूर्ति दो प्रकार की होती है: नॉन-मॉड्यूलर और मॉड्यूलर। नॉन-मॉड्यूलर बिजली आपूर्ति में सभी केबल स्थायी रूप से जुड़े होते हैं, जबकि मॉड्यूलर बिजली आपूर्ति में केवल आवश्यक केबल जुड़े होते हैं। मॉड्यूलर बिजली आपूर्ति केबल प्रबंधन को आसान बनाती है और कंप्यूटर केस में एयरफ्लो को बेहतर बनाने में मदद करती है। बिजली आपूर्ति का चयन करते समय, अपने बजट, बिजली आवश्यकताओं और केबल प्रबंधन प्राथमिकताओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है।

बिजली आपूर्ति को कंप्यूटर केस में एक विशेष डिब्बे में लगाया जाता है। बिजली आपूर्ति को स्थापित करते समय, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि यह ठीक से स्थापित हो और सभी केबल ठीक से जुड़े हों। बिजली आपूर्ति को ज़्यादा गरम होने से बचाने के लिए, इसे पंखे के साथ ठंडा किया जाना चाहिए। बिजली आपूर्ति कंप्यूटर का एक महत्वपूर्ण घटक है, क्योंकि यह सभी घटकों को बिजली प्रदान करती है। एक अच्छी गुणवत्ता वाली बिजली आपूर्ति कंप्यूटर को स्थिर और विश्वसनीय रखने में मदद करती है।

7. इनपुट डिवाइस (Input Devices)

इनपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर में डेटा और निर्देश दर्ज करने के लिए किया जाता है। कुछ सामान्य इनपुट डिवाइस में कीबोर्ड, माउस, स्कैनर और माइक्रोफ़ोन शामिल हैं। कीबोर्ड का उपयोग टेक्स्ट और कमांड दर्ज करने के लिए किया जाता है, माउस का उपयोग स्क्रीन पर कर्सर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है, स्कैनर का उपयोग दस्तावेजों और छवियों को डिजिटाइज़ करने के लिए किया जाता है, और माइक्रोफ़ोन का उपयोग ध्वनि रिकॉर्ड करने के लिए किया जाता है। इनपुट डिवाइस को USB या वायरलेस कनेक्शन के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है।

कीबोर्ड विभिन्न प्रकार के लेआउट और आकारों में आते हैं। कुछ कीबोर्ड में अतिरिक्त कुंजियाँ होती हैं जिनका उपयोग वॉल्यूम को नियंत्रित करने या एप्लिकेशन लॉन्च करने के लिए किया जा सकता है। माउस भी विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं। कुछ माउस में अतिरिक्त बटन होते हैं जिनका उपयोग कार्यों को करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि वेब पेज पर आगे और पीछे जाना। स्कैनर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें फ्लैटबेड स्कैनर, शीटफेड स्कैनर और हैंडहेल्ड स्कैनर शामिल हैं। माइक्रोफ़ोन विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें कंडेंसर माइक्रोफ़ोन, डायनेमिक माइक्रोफ़ोन और USB माइक्रोफ़ोन शामिल हैं।

इनपुट डिवाइस का चयन करते समय, अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आप बहुत अधिक टाइप करते हैं, तो आपको एक आरामदायक और एर्गोनोमिक कीबोर्ड की आवश्यकता होगी। यदि आप गेम खेलते हैं, तो आपको एक उच्च-सटीक माउस की आवश्यकता होगी। यदि आप दस्तावेजों को डिजिटाइज़ करना चाहते हैं, तो आपको एक स्कैनर की आवश्यकता होगी। यदि आप ध्वनि रिकॉर्ड करना चाहते हैं, तो आपको एक माइक्रोफ़ोन की आवश्यकता होगी। इनपुट डिवाइस कंप्यूटर के साथ इंटरैक्ट करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

8. आउटपुट डिवाइस (Output Devices)

आउटपुट डिवाइस का उपयोग कंप्यूटर से डेटा और जानकारी प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। कुछ सामान्य आउटपुट डिवाइस में मॉनिटर, प्रिंटर और स्पीकर शामिल हैं। मॉनिटर का उपयोग छवियों, टेक्स्ट और वीडियो को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है, प्रिंटर का उपयोग दस्तावेजों और छवियों को प्रिंट करने के लिए किया जाता है, और स्पीकर का उपयोग ध्वनि उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। आउटपुट डिवाइस को HDMI, DisplayPort या VGA केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जाता है।

मॉनिटर विभिन्न आकारों, रिज़ॉल्यूशन और प्रकारों में आते हैं। मॉनिटर का रिज़ॉल्यूशन पिक्सेल की संख्या को संदर्भित करता है जिसका उपयोग छवि को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। उच्च रिज़ॉल्यूशन वाला मॉनिटर अधिक विस्तृत छवि प्रदर्शित करेगा। मॉनिटर के प्रकारों में LCD, LED और OLED शामिल हैं। प्रिंटर विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें इंकजेट प्रिंटर, लेजर प्रिंटर और डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर शामिल हैं। स्पीकर विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं। कुछ स्पीकर में सबवूफर होता है जिसका उपयोग बास आवृत्तियों को उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

आउटपुट डिवाइस का चयन करते समय, अपनी आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं पर विचार करना महत्वपूर्ण है। यदि आप छवियों और वीडियो को देखना चाहते हैं, तो आपको उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले मॉनिटर की आवश्यकता होगी। यदि आप दस्तावेजों को प्रिंट करना चाहते हैं, तो आपको एक प्रिंटर की आवश्यकता होगी। यदि आप संगीत सुनना चाहते हैं, तो आपको स्पीकर की आवश्यकता होगी। आउटपुट डिवाइस कंप्यूटर से जानकारी प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।

तो दोस्तों, ये थे कंप्यूटर के कुछ मुख्य भाग। उम्मीद है कि आपको यह जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आपके कोई प्रश्न हैं, तो कृपया नीचे टिप्पणी करें। धन्यवाद!